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सियासत
| बड़ा आर्टिकल
अजीत कुमार मिश्रा
@ajitmishra78
The kashmir Files: 'हम देखेंगे...' नज्म की आत्मा में है कट्टरपंथी विचार- 'हम देख लेंगे'
द कश्मीर फाइल्स (The kashmir files) में फ़ैज़ अहमद फ़ैज़ की इस नज़्म के ज़रिए सेकुलरों और कट्टर इस्लामिकों के बीच के गठजोड़ को बेहतरीन तरीके से दिखा कर इसकी असलियत खोल दी है.
सियासत
| 6-मिनट में पढ़ें
नवेद शिकोह
@naved.shikoh
सरकार विरोधी आंदोलनकारियों को क्यों एक पाकिस्तानी का सहारा लेना पड़ा !
जब आम भारतीयों के लिए आम भाषा में दुष्यंत कुमार जैसे तमाम भारतीय रचनाकारों की रचनाएं लोगों के लबों पर रहती हैं तो फिर इन दिनों क्रांति का अलख जलाने का प्रयास करने वाले प्रदर्शनकारी (JNU Protest) पाकिस्तानी (Pakistan) शायर फैज अहमद फैज़ (faiz ahmed faiz) की आम लोगों को ना समझ मे आने वाली नज़्म क्यों पढ़ रहे हैं.
सियासत
| 5-मिनट में पढ़ें
बिलाल एम जाफ़री
@bilal.jafri.7
Faiz: हिंदू विरोध 'अल्लाह' के जिक्र से तो इस्लामी एतराज 'अन-अल-हक़' से
Pakistan के शायर Faiz Ahmed Faiz की नज़्म 'हम देखेंगे' चर्चा में है. पाकिस्तान के लिए लिखी गई इस नज्म का इस्तेमाल हिंदुस्तान में CAA का विरोध करने वालों ने किया है ऐसे में इसपर हिंदू मुस्लिम की राजनीति होना स्वाभाविक है.
समाज
| 6-मिनट में पढ़ें
अली मदीह हाशमी
@AliMadeehHashmi
फैज़ की बेटी को वापस भेजने का जवाब उनके बेटे ने दिया है
एक कार्यक्रम में शामिल होने भारत आई फैज़ की बेटी को बेरुखी के साथ पाकिस्तान वापस भेज दिया गया. इस हालात पर फैज़ के पोते ने यह लेख खासतौर पर लिखा है.
संस्कृति
| 5-मिनट में पढ़ें
ब्रजेश कुमार सिंह
@Brajesh484
कुछ बातें जो फैज को सरहद के दोनों ओर मकबूल बनाती हैं
फैज के तराने जितने जोश के साथ लाहौर में सुने और सुनाये जाते हैं, उतने ही जोश के साथ दिल्ली में भी सुने-सुनाये जाते हैं.